लेखनी प्रतियोगिता - वास्तविक सौंदर्य
वास्तविक सौंदर्य
खुद से कहो,
हां, मैं हूं सुंदर,
समाया है अलौकिक सौंदर्य मुझमें,
क्यों? जब पूछे लोग ये तुमसे,
तो कहो, " क्यों नहीं"
हूं मैं सौंदर्य की पराकाष्ठा,
क्यूंकि मुझमें बसा है,
मेरा आत्मविश्वास,
मेरा हौंसला,
मेरी हिम्मत,
मेरी दया,करुणा और ममता,
चौंक गए?
वास्तविक सौंदर्य छिपा है,
मेरे भीतर ही,
इतनी आसानी से जान नही पाओगे,
उतरना होगा तुम्हें,
मुझमें ही कहीं गहरे,
उस सुंदरता की थाह पाने,
अन्यथा,
बाहरी आडंबरों में उलझे तुम,
जान नहीं पाओगे कभी
वास्तिवक सौंदर्य की परिभाषा।।
प्रियंका वर्मा
9/11/22
Pratikhya Priyadarshini
10-Nov-2022 08:26 PM
बेहतरीन प्रस्तुति 🌺🌸👌
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Sachin dev
10-Nov-2022 04:44 PM
Nice 👌
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Gunjan Kamal
10-Nov-2022 07:53 AM
बहुत खूब
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